Country/World Breaking news | रूस के पूर्वी हिस्से में स्थित कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार सुबह स्थानीय समयानुसार 11:25 बजे (00:25 BST) 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया। यह भूकंप अब तक के दर्ज किए गए सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक रहा, जिसने प्रशांत महासागर के तटीय इलाकों में सुनामी की आशंका को जन्म दिया।
लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया, क्योंकि 2004 की हिंद महासागर सुनामी और 2011 जापान सुनामी की भयावह यादें फिर से ताजा हो गईं। हालांकि, प्रारंभिक चेतावनियों के बाद भी यह सुनामी विनाशकारी नहीं रही, जिससे बड़े पैमाने पर राहत की सांस ली गई।
कामचटका Tsunami भूकंप का कारण क्या था?
कामचटका प्रायद्वीप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के ‘पैसिफिक रिंग ऑफ फायर’ में स्थित है, जहां दुनिया के 80% भूकंप आते हैं। प्रशांत प्लेट यहाँ पर उत्तर-पश्चिम दिशा में 8 सेंटीमीटर प्रतिवर्ष की गति से खिसकती है और ओखोत्स्क माइक्रोप्लेट के नीचे धंसती है। यह प्रक्रिया जब असहज हो जाती है तो प्लेटें फंस जाती हैं, जिससे सतह पर ऊर्जा का अचानक विस्फोट होता है, जिसे हम भूकंप के रूप में अनुभव करते हैं।1952 में इसी स्थान से 30 किमी दूर 9.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। यह क्षेत्र हमेशा से भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील रहा है।

सुनामी क्यों नहीं आई?
हालांकि, समुद्र तल के अचानक विस्थापन से सुनामी लहरें उत्पन्न होती हैं, लेकिन उनकी ऊंचाई तट के पास समुद्र तल की स्थलाकृति पर निर्भर करती है। इस भूकंप के बाद 4 मीटर (13 फीट) ऊंची लहरें दर्ज की गईं, जोकि 2004 और 2011 की सुनामी के मुकाबले काफी कम थीं।
प्रोफेसर लिसा मैकनील (साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी) के अनुसार, समुद्र तल का आकार, तट की भू-आकृति और क्षेत्रीय जनसंख्या घनत्व यह निर्धारित करते हैं कि सुनामी कितना प्रभाव डालेगी।
US Geological Survey (USGS) के मुताबिक, यह भूकंप पृथ्वी की सतह से केवल 20.7 किमी (12.9 मील) की गहराई पर आया था। प्रारंभिक मॉडल ने इसे और उथला मानकर बड़ी सुनामी की चेतावनी दी थी, लेकिन बाद में पुष्टि हुई कि गहराई अधिक थी, जिससे लहरों की ऊंचाई कम रही।
Tsunami सुनामी चेतावनी प्रणाली का योगदान:
2004 की सुनामी के समय चेतावनी प्रणाली की कमी ने त्रासदी को और गंभीर बना दिया था। लेकिन अब प्रशांत क्षेत्र में कई सुनामी चेतावनी केंद्र स्थापित हैं, जो ऐसे आपातकालीन हालात में लोगों को सुरक्षित स्थानों पे समय देते हैं। इस बार चेतावनी प्रणाली ने लोगों को समय रहते सुरक्षित निकासी का मौका दिया, जिससे किसी बड़ी क्षति से बचाव हुआ।
क्या आफ्टरशॉक्स का खतरा अभी भी है?
GS RAS (Russian Academy of Sciences) के भू-भौतिकीय सर्वेक्षण के अनुसार, अगले एक महीने तक आफ्टरशॉक्स (भूकंप के झटके) आने की संभावना बनी हुई है। USGS ने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में दस दिन पहले ही 7.4 तीव्रता का एक और भूकंप दर्ज किया गया था, जो संभावित रूप से इस बड़े भूकंप का foreshock रहा होगा।

प्रोफेसर मैकनील का कहना है कि वैज्ञानिक अभी भी भूकंप के सटीक समय की भविष्यवाणी नहीं कर सकते, लेकिन GPS डेटा और टेक्टोनिक गतिविधियों पर नजर रखकर संभावित क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं।
Conclusion Tsunami:
कामचटका का यह 8.8 तीव्रता का भूकंप पृथ्वी की विनाशकारी शक्तियों की याद दिलाता है, लेकिन वैज्ञानिक प्रगति और चेतावनी प्रणालियों की वजह से इस बार संभावित त्रासदी को टाला जा सका। रूस के पूर्वी हिस्सों में अगले कुछ हफ्तों तक आफ्टरशॉक्स की संभावना बनी रहेगी, इसलिए सतर्कता जरूरी है।